राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति चुनाव में कांग्रेस को झटका दे चुकी पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी आज विपक्ष के साथ खड़ी दिखाई दे रही हैं, गौरतलब है राष्ट्रपति चुनाव में आई दरार और प्रवर्तन निदेशालय की कार्रवाई से परेशान विपक्ष एक बार फिर एकजुट होने की कोशिश में है। इसकी पहल पश्चिम बंगाल की CM और TMC प्रमुख ममता बनर्जी करेंगी। वे 5 दिन के लिए दिल्ली जा रही हैं। उनकी पहल पर कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी, NCP प्रमुख शरद पवार, तेलंगाना राष्ट्र समिति के KCR, सपा नेता अखिलेश यादव, आप नेता अरविंद केजरीवाल और DMK नेता एमके स्टालिन एक मंच पर आ सकते हैं। इन दलों के लोकसभा में लगभग 125 सांसद हैं,ममता बुधवार को दिल्ली में TMC के सांसदों से मिलेंगी अगले दिन अन्य दलों के नेताओं से मिलेंगी। शुक्रवार को उनकी सोनिया से मुलाकात होनी है, आपको बता दें शनिवार को ममता तेलंगाना, तमिलनाडु, दिल्ली, पंजाब के मुख्यमंत्रियों से मिलेंगी, दरअसल जब राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू देश की 15वी राष्ट्रपति की शपथ ले रही थीं तो मलिका अर्जुन खरगे को उनके प्रोटोकॉल के हिसाब से सीट नही दी गई तो कांग्रेस के मीडिया महासचिव जयराम रमेश ने राज्य सभा के उपसभापति को पत्र लिखकर शिकायत दर्ज करवाई. इस पत्र पर कई विपक्षी पार्टियों ने हस्ताक्षर किया, जिसमें तृणमूल कांग्रेस भी शामिल हुई.उसके बाद यह कयास लगाए जा रहे थे कि ममता विपक्षी एकता का नेतृत्व करने से खुद को दूर करने लगी हैं और मोदी सरकार को लेकर उनका रुख नरम होने जा रहा है, लेकिन इसके बजाय उल्टा हुआ। ED की कार्रवाई के बाद ममता ने पार्थ को मंत्री पद से हटाया और आक्रामक रहने का फैसला किया। दूसरी ओर, नीति आयोग की रविवार को बैठक है। इसमें ममता पहली बार शामिल होंगी।