मध्यप्रदेश निकाय चुनाव में छिंदवाड़ा से 31 साल के विक्रम अहाके मेयर पद के लिए चुने गए। जिस अहाके को जनता ने छिंदवाड़ा का महापौर बनाया है, उन्होंने जीवन में फर्श से अर्श तक का सफर तय करते हुए ये सफलता पाई है। वे कभी नींव खोदते थे, लोगों की जूठी प्लेटें उठाते थे। विक्रम अहाके के संघर्ष के राहुल गांधी और प्रियंका वाड्रा भी मुरीद हैं। उन्होंने सोशल मीडिया पर पोस्ट करते हुए उनकी तारीफ भी की। जिसका शीर्षक लिखा- ‘मां आंगनवाड़ी कार्यकर्ता, पिता किसान और बेटा महापौर।’
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विक्रम अहाके ने बताया : जब मेरा जन्म हुआ था, तब पिता पंक्चर की दुकान चलाते थे। जब 9 साल का था, तब मां की 438 रुपए महीने पर आंगनवाड़ी कार्यकर्ता के पद पर नौकरी लगी। पिता किसान हैं। इतने कम रुपयों में गुजारा मुश्किल होता था। सरकारी स्कूल में पढ़ाई की। गर्मियों में 2 महीने की छुट्टी रहती थी। एग्जाम के बाद कई मकानों में नींव खोदने का काम किया। कैटरिंग का काम किया। जूठी प्लेटें उठाईं। जब मैं NSUI से जुड़ा। दो बार एमपी पुलिस के लिए क्वालीफाई किया। उस समय मेरा CRPF में सिलेक्शन हो गया। उस समय NSUI के गेट टू गेदर कार्यक्रम में कमलनाथजी आए थे। मैंने उनके सामने जॉइनिंग लेटर रख कहा- मुझे ड्यूटी नहीं, समाज सेवा करना है। इसके बाद लगातार संगठन में काम किया। संगठन में मैंने छाप छोड़ी। जिला कांग्रेस कमेटी के प्रवक्ता से लेकर सांसद प्रतिनिधि तक सभी जिम्मेदारियों को बखूबी निभाया। ये सब कमलनाथजी के कारण हुआ है।
सियासत की अच्छी तस्वीर…#छिन्दवाड़ा– #कॉंग्रेस के महापौर उम्मीदवार विक्रम अहाके ने जीत के बाद अपने प्रतिद्वंदी भाजपा के अनंत धुर्वे से मिले आशीर्वाद लिया…@INCMP @BJP4MP pic.twitter.com/d8omeJQ6r8
— Sandeep Singh संदीप सिंह (@Sandeep_1Singh_) July 17, 2022