मंगलवार की सुबह सूरत के ला मेरिडियन होटल पहुंचने वाले एकनाथ शिंदे आज गुवाहाटी पहुंच गए हैं, जहां भाजपा के एक विधायक ने उनका वेलकम किया। इसकी वजह है शिंदे का दावा, शिवसेना से बगावत करने वाले शिंदे अब एक नया दावा कर रहे है जी हाँ, महाराष्ट्र के मंत्री एकनाथ शिंदे ने दावा किया है कि उनके पास 40 विधायकों का समर्थन है।
उन्होंने कहा कि हमें 40 से ज्यादा विधायकों का समर्थन है और जल्दी ही कुछ और हमारे साथ आ सकते हैं।यही नहीं एकनाथ शिंदे ने शिवसेना नेता संजय राउत के उस आरोप भी खारिज किया कि ज्यादातर विधायकों को जबरदस्ती ले जाया गया है। उन्होंने कहा कि किसी पर भी दबाव नहीं डाला गया। जो भी आया है अपनी मर्ज़ी से आया है
इस बीच सूत्रों के हवाले से खबर है कि एकनाथ शिंदे भाजपा के साथ मिलकर सरकार बनाने का दावा पेश कर सकते हैं। हालांकि राज्य के गवर्नर भगत सिंह कोश्यारी कोरोना से संक्रमित हो गए हैं और अस्पताल में एडमिट हैं। मीडिया से गुवाहाटी में बात करते हुए एकनाथ शिंदे ने इसके संकेत भी दिए।वही उनका कहना है कि काम के लिए फंड न जारी होने के चलते विधायकों में नाराजगी थी। कहा जा रहा है कि एकनाथ शिंदे एक अलग गुट बना सकते हैं और इससे विधायकों की सदस्यता भी नहीं जाएगी। इसकी वजह यह है कि उनके पास जरूरी दो तिहाई विधायकों का समर्थन है। पार्टी को तोड़ने के लिए 37 विधायक जरूरी हैं और इतने लोगों की बगावत पर विधायकों पर दल-बदल कानून लागू नहीं होगा। आपको बता दे की सूरत से निकलने से पहले एकनाथ शिंदे ने बागी विधायकों के साथ तस्वीरें शेयर कीं। एकनाथ शिंदे ने मराठी न्यूज चैनल से बातचीत करते हुए कहा कि हमें 40 से ज्यादा विधायकों का समर्थन हासिल है। हम बालासाहेब ठाकरे के विचारों को आगे ले जाने वाले हैं। हम किसी के भी खिलाफ नहीं हैं, लेकिन बाला साहेब ठाकरे और आनंद दिघे की विचारधारा के लिए काम करना चाहते हैं। इतना हे नहींएकनाथ शिंदे ने उद्धव ठाकरे के रवैये पर भी सवाल उठाया है। उन्होंने कहा कि शिवसेना के चीफ ने एक तरफ मिलिंद नार्वेकर को मुझसे बातचीत के लिए भेजा है तो वहीं दूसरी तरफ विधायक दल के नेता के पद से हटा दिया गया है। मुझे बदनाम किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि नए विधायक दल के नेता की नियुक्ति नियमों से अलग है। इसके लिए सभी विधायकों की मीटिंग बुलानी चाहिए थी और ज्यादातर तो मेरे ही साथ हैं। बता दें कि शिवसेना ने एकनाथ शिंदे को विधायक दल के नेता के पद से हटाकर अजय चौधरी को यह जिम्मेदारी सौंपी है।महाराष्ट्र राजनीति का ये उथल पुथल कहा जाकर थमेगा ये देखने वाली बात होगी।
एकनाथ शिंदे का दावा, भाजपा से मिलकर बनायेंगे सरकार
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