कश्मीर के अलगाववादी नेता यासीन मलिक को NIA कोर्ट ने टेरर फंडिंग केस में उम्रकैद की सजा सुनाई। NIA के वकील उमेश शर्मा ने बताया- यासीन को दो मामलों में उम्रकैद और 10 मामलों में 10 साल सजा सुनाई गई है। सभी सजाएं साथ-साथ चलेंगी। इसके अलावा इस अलगाववादी नेता को 10 लाख रुपए जुर्माना भरना होगा। बता दें कि प्रतिबंधित संगठन जम्मू कश्मीर लिबरेशन फ्रंट के चीफ यासीन मलिक है. इसे टेरर फंडिंग केस में राष्ट्रीय इन्वेस्टिगेशन एजेंसी (NIA) कोर्ट ने दोषी करार दिया था. इस फैसले से पहले दिल्ली के पटियाला हाउस कोर्ट में 25 मई को बहस हुई. इस दौरान यासीन मलिक को सजा देने को लेकर बहस हुई. इस केस में NIA की टीम ने यासीन मलिक को फांसी की सजा देने की मांग की थी.
सजा सुनने के बाद यासीन ने अपने वकील एपी सिंह को गले लगाया। सजा के ऐलान से पहले पटियाला हाउस कोर्ट की सुरक्षा कड़ी कर दी गई थी। उधर, श्रीनगर के कई बाजार बंद हो गए। वहां भारी फोर्स तैनात है। कुछ इलाकों में पत्थरबाजी की घटनाएं भी सामने आईं। श्रीनगर और आसपास के इलाकों में मोबाइल और इंटरनेट सर्विस फिलहाल सस्पेंड कर दी गई हैं।
फैसला आने से पहले कोर्ट पहुंचे यासीन ने कहा, ‘अगर मैं 28 साल के दौरान किसी आतंकवादी गतिविधि या हिंसा में शामिल रहा हूं और खुफिया एजेंसियां यह साबित कर देती हैं, तो मैं राजनीति से संन्यास ले लूंगा। मुझे फांसी मंजूर होगी। मैंने सात प्रधानमंत्रियों के साथ काम किया है। अपने लिए कुछ भी नहीं मांगूंगा। किस्मत का फैसला अदालत पर छोड़ता हूं।’खुफिया एजेंसियों ने यासीन मलिक को सजा के बाद दिल्ली-NCR में आतंकी हमले का अलर्ट जारी किया है। इसके बाद सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी गई है।
यासीन मलिक पर क्या-क्या मामले हैं दर्ज
यूएपीए (UAPA) की धारा-16 : आतंकवादी गतिविधि
UAPA की धारा-17 : आतंकवादी गतिवधि के लिए धन जुटाने
UAPA की धारा-18 : आतंकवादी साजिश रचने
UAPA की धारा-20 : आतंकवादी समूह या संगठन का सदस्य होने
IPC की धारा 120-B : आपराधिक साजिश
IPC की धारा 124-A : देशद्रोह का मामला