कुतुब मीनार में पूजा के अधिकार की याचिका पर दिल्ली के साकेत कोर्ट में आज सुनवाई होनी है। हालांकि भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग ने इस याचिका का विरोध करते हुए कहा-कुतुब मीनार पूजा का स्थान नहीं है और इसकी मौजूदा स्थिति को बदला नहीं जा सकता। एएसआई ने कथित तौर पर मंदिरों के जीर्णोद्धार के लिए दायर की गई इस याचिका का विरोध किया है। इससे पहले ही मीनार की मस्जिद के इमाम शेर मोहम्मद ने आरोप लगाया है कि 13 मई को एक गार्ड आया था, उसने बोला की ASI की टीम आई है। फिर ASI वालों ने मुझसे कहा कि आज से यहां नमाज नहीं पढ़ी जाएगी। हमने कहा की हम सिर्फ 4 लोग हैं हमें पढ़ने दें, बाकी बाहरी लोग नहीं आयेंगे, लेकिन उन्होंने कहा कि आज से यहां नमाज नहीं होगी। वजह पूछे जाने पर वे बोले कि ऊपर से ऑर्डर आया है।’ कुतुब मीनार के मुख्य गेट के दाएं तरफ बनी एक मुगलकालीन छोटी मस्जिद में नमाज होती थी। 2010 में कॉमनवेल्थ गेम्स के दौरान नमाज पर प्रतिबंध लगाया गया था। साल 2016 में इस छोटी मस्जिद में एक बार फिर नमाज शुरू हो गई थी।
यह मस्जिद जब कुतुब मीनार का निर्माण हुआ उसी समय की बताई जाती है। उस समय यह मस्जिद नहीं बल्कि मुगल शासकों के सेवादारों की सराय थी और इस सराय में मुगल शासकों के सेवादार विश्राम किया करते थे लेकिन बाद में इस सराय को मस्जिद में कन्वर्ट कर दिया गया।