कोरोना महामारी से जूझ रही दुनिया अब तेजी से मंकीपॉक्स की चपेट में आ रही है। यह बीमारी महज 15 दिन के अंदर 15 देशों में फैल गई है। शुक्रवार को बेल्जियम मंकीपॉक्स के मरीजों के लिए 21 दिन का क्वारैंटाइन पीरियड कंपलसरी करने वाला पहला देश बन गया। वहीं, विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने चेतावनी दी है कि किसी भी देश में इस बीमारी का एक मामला भी आउटब्रेक माना जाएगा। दूसरी तरफ, भारत भी मंकीपॉक्स को तेजी से फैलता देख अलर्ट हो गया है। सोमवार को मुंबई के बृहन्मुंबई नगर निगम ने कस्तूरबा अस्पताल में मंकीपॉक्स के संदिग्ध मरीजों के लिए 28 बेड का आइसोलेशन वॉर्ड तैयार कर दिया है। हालांकि, अभी देश में इस बीमारी का एक भी मामला नहीं मिला है।
क्या है मंकीपॉक्स, कैसे फैलता है?
- मंकीपॉक्स एक वायरल इन्फेक्शन है, जो पहली बार 1958 में कैद किए गए बंदर में पाया गया था। 1970 में पहली बार इंसान में इसके संक्रमण के पुष्टि हुई थी। इसका वायरस चेचक के वायरस के परिवार का ही सदस्य है।
- मंकीपॉक्स का संक्रमण आंख, नाक और मुंह के जरिए फैल सकता है। यह मरीज के कपड़े, बर्तन और बिस्तर को छूने से भी फैलता है। इसके अलावा बंदर, चूहे, गिलहरी जैसे जानवरों के काटने से या उनके खून और बॉडी फ्लुइड्स को छूने से भी मंकीपॉक्स फैल सकता है।
मंकीपॉक्स के लक्षण
मंकीपॉक्स के लक्षण संक्रमण के 5वें दिन से 21वें दिन तक आ सकते हैं। शुरुआती लक्षण फ्लू जैसे होते हैं। इनमें बुखार, सिर दर्द, मांसपेशियों में दर्द, कमर दर्द, कंपकंपी छूटना, थकान और सूजी हुई लिम्फ नोड्स शामिल हैं। इसके बाद चेहरे पर मवाद से भरे दाने उभरने लगते हैं, जो शरीर के दूसरे हिस्सों में भी फैल जाते हैं और कुछ दिन बाद सूखकर गिर जाते हैं।