राजधानी भोपाल के कुटुंब न्यायालय में एक ऐसा मामला पहुंचा है, जिसे सुनकर सभी हैरत में पड़ गए। मामले में पहले पति ने ही पत्नी को शराब पीने की आदत लगाई थी, अब वह शराब छोड़ने के लिए शर्त रख रहा है। कुटुंब न्यायालय में तलाक तक के लिए अर्जी लगा दी। वहीं पत्नी का कहना है कि 2014 में हमारी शादी हुई थी। पति रोज शराब पीकर आते थे। तब मैंने घर में ही शराब लाकर पीने की बात कही थी, लेकिन साथ देने का कहकर उसने मुझे भी पिलाना शुरू कर दिया। अब मुझे रोज पीने की आदत लग गई हैं तो वह कहते हैं कि शराब पीना छोड़ दो। हालांकि पत्नी कोर्ट में इस बात पर राजी हुई कि वह शराब पीना तब बंद कर देगी, जब पति भी पीना छोड़ देंगे। मामले में काउंसिलिंग कर दंपती को समझाकर लिखित में शपथ पत्र भरवाया गया है। पति का कहना है कि दोनों की शादी के आज आठ साल हो चुके हैं। शादी के तीन साल बाद बेटा हुआ, जो अब पांच साल का हो चुका है। तब की परिस्थिति अलग थी, लेकिन अब एक शराबी मां अपने बच्चे को कैसे पालेगी। अब तो बच्चे पर गलत प्रभाव भी दिखने लगा है, इसलिए मैंने पत्नी को शराब छोड़ने के लिए कहा। बार-बार कहने के बाद भी वह नहीं मानी तो तलाक का केस लगाया। शराब छोड़ने के साथ की पति ने कोर्ट में पत्नी को मायके न जाने की शर्त भी रखी। हालांकि इस पर पत्नी ने साफ इनकार कर दिया। उसने कहा कि वह अपनी मां की इकलौती संतान है और मां को उसकी जरूरत है। अगर वह मदद नहीं करगी तो कौन करेगा। इस मामले में पांच बार काउंसिलिंग की गई। दंपती से शपथ पत्र भरवाकर एक साथ घर भेजा गया।