एमपी में पड़ोसी राज्यों की तुलना में सबसे महंगी बिजली मिल रही है। हालांकि 100 यूनिट तक बिजली पर विभिन्न राज्यों में सब्सिडी दी जा रही है। इस कारण 200 यूनिट तक आने वाले बिलों की तुलना करने पर ये आंकड़ा सामने आया। एमपी से सस्ती बिजली छत्तीसगढ़ और गुजरात में मिल रही है। औद्योगिक ईकाईयों को भी वहां सस्ती बिजली मिल रही है। एमपी में 200 यूनिट तक बिजली खपत पर 1419 रुपए का बिल आता है। वहीं छत्तीसगढ़ में 820 और गुजरात में 767 रुपए का बिल आता है। ये हालत तब है जब एमपी में इन सीमावर्ती राज्यों में छग को छोड़कर प्रति यूनिट बिजली उत्पादन सबसे कम है। रिटायर इंजीनियर राजेंद्र अग्रवाल के मुताबिक पड़ोसी राज्यों की तुलना में घरेलू उपभोक्ताओं को 60 प्रतिशत महंगी बिजली मिल रही है। तरंग में प्रदेश भर की बिजली कंपनियों और एक्सपर्ट की मौजूदगी में तीन दिन मंथन हुआ। पर बिजली की बढ़ती कीमतों पर कोई चर्चा नहीं हुई।
प्रमुख सचिव ऊर्जा संजय दुबे के मुताबिक एमपी में बिजली बनाने वाले प्लांटों से औसत खरीदी 3.75 रुपए पड़ता है। पर प्लांटाें से लोगों के घरों तक पहुंचने में लगभग 9 से 13 प्रतिशत का लाइन लॉस होता है। फिर इस पर प्रति यूनिट ईधन प्रभार समायोजन और 9 से 12 प्रतिशत इलैक्ट्रिसिटी ड्यूटी लगती है। यह सब कुछ जुड़कर जब बिजली का बिल तैयार होता है, तो वह औसत से अधिक प्रतीत होता है।