पूर्व क्षेत्र बिजली कंपनी को बड़ी राहत मिली है। साथ में ये परोक्ष रूप से बिजली उपभोक्ताओं पर आने वाले भविष्य के भार को कम करने वाला साबित होगा। कंपनी पर सर्विस टैक्स और पेनाल्टी के तौर पर लगाई गई 186 करोड़ रुपए को सेंट्रल एक्साइज सर्विस टैक्स ट्रिब्यूनल ने माफ कर दिया। ट्रिब्यूनल ने आदेश में स्पष्ट किया है कि सहायक सेवाओं पर सर्विस टैक्स लगाया जाना अनुचित है। सेंट्रल एक्साइज सर्विस टैक्स ट्रिब्यूनल, नई दिल्ली ने फैसले में कहा कि भारत सरकार द्वारा बिजली वितरण कार्य को टैक्स के दायरे से बाहर रखा गया है। इसलिए विद्युत वितरण करने के लिए दी जाने वाली सहायक सेवाओं पर सर्विस टैक्स भी नहीं लगाया जा सकता है।
कमिश्नर जीएसटी और सेंट्रल एक्साइज जबलपुर द्वारा कंपनी के ऊपर सर्विस टैक्स व पेनाल्टी के तौर पर 186 करोड़ अधिरोपित की गई थी। इसके खिलाफ पूर्व क्षेत्र बिजली कंपनी ने सेंट्रल एक्साइज सर्विस टैक्स ट्रिब्यूनल नई दिल्ली में अपील की थी। ट्रिब्यूनल ने कंपनी के पक्ष में निर्णय देते हुए 186 करोड़ रुपए की मांग गैर जरूरी बताते हुए इसे माफ कर दिया।