विजय दिवस यानी 1945 में नाजी जर्मनी की हार का जश्न मनाने के लिए सोमवार को होने वाले समारोह की तैयारियां पहली नजर में पिछले वर्षों की तरह ही नजर आती हैं। लेकिन इस साल माहौल बहुत अलग है, क्योंकि रूसी सैनिक एक बार फिर युद्ध लड़ रहे हैं और प्राणों की आहुति दे रहे हैं।
पड़ोसी देश यूक्रेन में जारी यह युद्ध 11वें हफ्ते में प्रवेश कर गया है। रूस सरकार ने इसे नाजियों के खिलाफ युद्ध बताया है। रूस के सबसे महत्वपूर्ण अवकाश के साथ जुड़े इस गौरव और देशभक्ति को आमतौर पर सैनिकों और सैन्य उपकरणों की रेड स्क्वायर से होकर गुजरने वाली बड़ी परेड के साथ मनाया जाता है। कुछ रूसियों को डर है कि राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन इस मौके का इस्तेमाल यूक्रेन पर युद्ध की घोषणा करने के लिए करेंगे, जबकि पहले वह इसे यूक्रेन में एक विशेष सैन्य अभियान कहते रहे हैं।